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ईमानदारी का इनाम – खाली गमले की कहानी

Zen Story in Hindi / Moral Story – ईमानदारी की प्रेरणादायक कहानी

आज हम आपको सुनाते हैं एक ऐसी चीनी कहानी जो दिखाती है कि कैसे सच्चाई और ईमानदारी ही सबसे बड़ी योग्यताएं हैं। यह कहानी न सिर्फ बच्चों के लिए है, बल्कि हर उम्र के लिए एक जीवन पाठ है।

बहुत समय पहले चीन में एक बुद्धिमान सम्राट था। वह बूढ़ा हो चला था और अपने उत्तराधिकारी की तलाश में था। लेकिन वह किसी राजघराने के सदस्य को नहीं, बल्कि किसी योग्य और सच्चे इंसान को राजा बनाना चाहता था।

राजा की घोषणा – उत्तराधिकारी की खोज

एक दिन उसने राज्य के सभी बच्चों को बुलवाया और उन्हें एक-एक बीज देकर कहा:

“इन्हें गमले में लगाओ, पानी दो, देखभाल करो। एक साल बाद तुम सब अपने-अपने पौधे लेकर आना। जिस पौधे में सबसे अधिक जीवन और सच्चाई होगी, वही अगला सम्राट बनेगा।”

सभी बच्चे खुश हो गए और अपने-अपने बीज लेकर घर चले गए।

पिंग का संघर्ष – खाली गमले की सच्चाई

उनमें से एक लड़का था – पिंग। उसने बीज को गमले में लगाया, पानी दिया, धूप दिखाई… पर हफ्तों बीत गए, कुछ भी अंकुरित नहीं हुआ।

हफ्ते बीते… महीने बीते… लेकिन गमला खाली ही रहा।

उसने नई मिट्टी डाली, ध्यान रखा, मगर बीज फिर भी नहीं उगा।
छह महीने बीत गए — फिर भी कुछ नहीं।

दरबार में निर्णय – ईमानदारी की जीत

लेकिन पिंग ने हार नहीं मानी। जब एक साल पूरा हुआ, तो बाकी सभी बच्चे सुंदर फूलों और पौधों से सजे गमले लेकर दरबार पहुंचे। पिंग शरमाते हुए, खाली गमला लेकर आया।

राजा एक-एक गमला देखता गया। अंत में पिंग के पास आया और पूछा, “तुम्हारा पौधा कहाँ है?”

पिंग ने सिर झुका कर कहा, “महाराज, मैंने अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन बीज उगा ही नहीं।”

राजा मुस्कुराया और ऊँचे स्वर में बोला,

यही मेरा उत्तराधिकारी होगा!

सभी चौंक गए।

राजा का रहस्य उजागर

राजा ने समझाया, “जो बीज मैंने दिए थे, वो उबाले गए थे — कोई भी उनसे पौधा नहीं उगा सकता था। बाकी सबने अपने पौधे बदल दिए। लेकिन पिंग ने सच का साथ नहीं छोड़ा। मुझे ऐसा ही राजा चाहिए!”

कहानी से क्या सीखें?

  • सच की राह कठिन होती है, पर अंत में वही विजयी होती है।
  • ईमानदारी एक ऐसा गुण है जो हर स्थिति में आपकी असली पहचान बनता है।
  • बाहरी दिखावे से ज्यादा, भीतर की सच्चाई मायने रखती है।

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