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शायद हाँ, शायद नहीं

Zen Story in Hindi – शायद हाँ, शायद नहीं

एक समय की बात है, एक बूढ़ा किसान एक छोटे से गाँव में रहता था। उसके पास एक ही घोड़ा था, जो उसकी खेती और जीवन का सहारा था।

एक दिन वह घोड़ा भाग गया।

पड़ोसी आए और बोले,
“अरे! कितना बुरा हुआ। अब तुम क्या करोगे?”

बूढ़ा किसान शांत भाव से बोला,
“शायद हाँ, शायद नहीं।”

कुछ दिन बाद वह घोड़ा लौट आया, और साथ में तीन जंगली घोड़े भी ले आया।

पड़ोसी फिर आए और बोले,
“वाह! कितनी बड़ी किस्मत है तुम्हारी!”

किसान मुस्कुराया और बोला,
“शायद हाँ, शायद नहीं।”

अगले दिन किसान का बेटा उन जंगली घोड़ों में से एक को काबू में करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन गिर गया और उसका पैर टूट गया।

पड़ोसी फिर आए,
“कितनी बड़ी मुसीबत आ गई!”

किसान ने फिर कहा,
“शायद हाँ, शायद नहीं।”

कुछ हफ्तों बाद उस राज्य में युद्ध छिड़ गया। सारे जवान लड़कों को सेना में भरती कर लिया गया। लेकिन किसान का बेटा पैर टूटने की वजह से बच गया।

अब पड़ोसी फिर आए और बोले,
“तुम्हारा बेटा बच गया, कितनी बड़ी नेमत है!”

किसान मुस्कुराया और बोला,
“शायद हाँ, शायद नहीं।”


🌱 सीख:

ज़िंदगी में जो भी होता है, वो न तो पूरी तरह अच्छा होता है, न बुरा। समय के साथ उसका अर्थ बदल सकता है। इसलिए ज़्यादा जल्दी निष्कर्ष पर न पहुँचें। शांत रहें, और जीवन को बहने दें।

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